हाँ भगवान शिव की एक सुंदर कहानी हिंदी और बंगाली में प्रस्तुत की गई है।
भगवान शिव और राक्षस भस्मासुर की कथा (हिंदी)
प्राचीन समय की बात है, एक राक्षस था जिसका नाम भस्मासुर था। वह बहुत शक्तिशाली था, लेकिन और भी शक्तिशाली बनने की इच्छा रखता था। उसने भगवान शिव की घोर तपस्या की।
शिवजी उसकी भक्ति से प्रसन्न हुए और बोले, "मांगो, भस्मासुर, क्या वरदान चाहते हो?"
चतुर भस्मासुर ने सोचा और कहा, "हे महादेव! मुझे ऐसा वरदान दें कि मैं जिसके सिर पर हाथ रखूं, वह भस्म हो जाए।"
भोलेनाथ ने हाँ कर दी। लेकिन भस्मासुर के मन में अहंकार आ गया। उसने सोचा, "मैं शिवजी को ही परखता हूँ।" और जैसे ही उसने शिवजी के सिर पर हाथ रखने की कोशिश की, शिवजी घबरा गए और भागने लगे।
शिवजी ने श्रीहरि विष्णु से सहायता मांगी। भगवान विष्णु ने सुंदर स्त्री मोहिनी का रूप धारण किया और भस्मासुर को नृत्य करने के लिए प्रेरित किया। नृत्य के दौरान, मोहिनी ने ऐसा आसन किया जिसमें भस्मासुर ने अपने ही सिर पर हाथ रख लिया और तुरंत भस्म हो गया।
इस प्रकार भगवान शिव ने अपने भक्त के अहंकार को खत्म किया और दुनिया को एक बड़े संकट से बचाया।
ভগবান শিব এবং অসুর ভস্মাসুরের কাহিনী (বাংলা)
প্রাচীন কালের কথা। এক অসুর ছিল, তার নাম ভস্মাসুর। সে ছিল খুব শক্তিশালী, কিন্তু আরো শক্তিশালী হতে চেয়েছিল। তাই সে মহাদেবের কঠোর তপস্যা করল।
শিবজি তার ভক্তিতে খুশি হলেন এবং বললেন, "বল ভস্মাসুর, কী বর চাস?"
চতুর ভস্মাসুর বলল, "হে মহাদেব! এমন বর দিন যাতে আমি যার মাথায় হাত রাখব, সে সঙ্গে সঙ্গে ভস্ম হয়ে যাবে।"
ভোলানাথ তার কথা মেনে নিলেন। কিন্তু বর পেয়ে ভস্মাসুর অহংকারী হয়ে গেল। সে ভাবল, "শিবকেই পরীক্ষা করি!" এবং শিবজির মাথায় হাত রাখার চেষ্টা করল।
শিবজি ভয় পেয়ে পালিয়ে গেলেন এবং বিষ্ণুদেবের সাহায্য চাইলেন। তখন বিষ্ণু মোহিনী রূপ ধারণ করলেন এবং ভস্মাসুরকে নাচ শেখালেন। নাচের সময়, মোহিনী এমন এক ভঙ্গি করলেন, যা দেখে ভস্মাসুর নিজের মাথায় হাত রাখল। ফলে, সে নিজেই ভস্ম হয়ে গেল।
এইভাবে, মহাদেব ভক্তের অহংকার দূর করলেন এবং বিশ্বকে এক বড় বিপদ থেকে রক্ষা করলেন।
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